Tuesday, October 5, 2010

अजी हम तो भूल ही गए थे...

लो आज एक लम्बे अरसे के बाद मुझे याद आया की मैंने कोई अखाड़ा खोला था..चलिए जब याद आ ही गया तो लौट आते हैं अपने अखाड़े पर॥ अब आप लोग निराश मत होइए मेरे अखाड़े पर नित नए दांव पेंच अब आपको दिखाई पड़ेंगे...

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